विटामिन सी से भरपूर आहार
खट्टे फल जैसे- संतरा, नींबू, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबेरी, अंगूर, अनानास, आम आदि में भरपूर मात्रा में विटामिन सी होता है, ‘विटामिन सी’ से भरपूर आहार का सेवन करने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. ‘विटामिन सी’ से भरपूर आहार में एंटीऑक्सीडेंट होते है, जो सांस लेने के बाद ऑक्सीजन को सभी अंगों तक पहुंचाने में मदद करते है.
लहसुन खाए
लहसुन का सेवन कफ को खत्म करने में सहायक होता है और अगर खाना खाने के बाद लहसुन खाया जाए तो ये छाती को साफ रखता है. लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो संक्रमण से लड़ते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
लाइकोपेन युक्त भोजन का सेवन करें
ऐसे आहार का सेवन करें जो लाइकोपेन युक्त हो जैसे टमाटर, गाजर, तरबूज, पपीता, शकरकंद और हरी सब्जियां. इस तरह के आहार में कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सीडेंट होता है जो अस्थमा से बचाने में भी सहायक होता है, साथ ही इन्हें खाने से फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम होता है.
किशमिश खाए
रोजाना भिगे हुए मुनक्का का सेवन करने से भी फेफड़े मजबूत होते हैं और बीमारियों से लड़ने की उनकी क्षमता बढ़ती है.
तुलसी की पत्तियों का सेवन
अगर फेफड़ों में कफ जमा हो तो इसे खत्म करने के लिए तुलसी के सूखे पत्ते, कत्थान, कपूर और इलायची को बराबर मात्रा में पीस लें. अब इसमें नौ गुना चीनी मिलाकर पीस ले. इस मिश्रण को चुटकी भर दिन में दो बार खाएं. इससे फेफड़ों में जमा कफ खत्म होने में मदद मिलती है.
धूप सेकना भी है जरूरी
धूप को विटामिन डी का नैचुरल सोर्स माना जाता है जो फेफड़ों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता है. ऐसे में धूप सेकना फेफड़ों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है. ये शरीर को बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से बचाता है, ऐसे में किसी रोग से जूझने का खतरा कम होता है, इसलिए कम से कम 20 मिनट भी रोजाना धूप सेकने से फेफड़े ज्यादा स्वस्थ रह सकते हैं.
करें प्राणायाम
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फेफड़ों को मजबूत रखने के लिए प्राणायाम से बेहतर कोई उपाय नहीं है. बताया जाता है कि प्राणायाम की खोज ही फेफड़ों और श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हुई थी. सबसे पहले जमीन पर पीठ सीधी करके बैठ जाइए. अब अपने आंखों को बंद करें और हाथों को ज्ञान मुद्रा में ले आएं. फिर अपने नाक से बाहर की वायु को धीरे-धीरे खींचें और पेट में हवा को भरने दें. इस दौरान आपका पेट और सीना हवा से फूल जाना चाहिए. अब 5 सेकेंड तक सांसों को रोककर रखें और फिर धीरे-धीरे बाहर छोड़ दें. इस क्रिया को दिन में कम से कम 10 बार करें.