Advertisement

यह गांव है रसोईयों का, 500 सालों से हर पुरुष संभाल रहा है किचन

वैसे तो यह बात सभी जानते हैं कि हर घर में रसोई की कमान औरते ही संभालती है. लेकिन क्या आपको पता है भारत में एक ऐसा भी गांव है जहां औरते नहीं पुरुष खाना बनाते हैं. शायद आपको इस बात से हैरानी हो रही होगी लेकिन यह एकदम सच है. जिस वजह से इस गांव को 'विलेज ऑफ कुक्स' कहा जाता है.

Advertisement
  • November 21, 2016 8:17 am Asia/KolkataIST, Updated 8 years ago
मुंबई. वैसे तो यह बात सभी जानते हैं कि हर घर में रसोई की कमान औरते ही संभालती है. लेकिन क्या आपको पता है भारत में एक ऐसा भी गांव है जहां औरते नहीं पुरुष खाना बनाते हैं. शायद आपको इस बात से हैरानी हो रही होगी लेकिन यह एकदम सच है. जिस वजह से इस गांव को ‘विलेज ऑफ कुक्स’ कहा जाता है. 
 
आपको यह तो पता ही होगा ज्यादातर पार्टियों में पुरुष हलवाई ही ज्यादा होते हैं यह एक आम बात है. आज हम आपको बताते है कि तमिलनाडू में स्थित कलायुर गांव में लगभग सभी पुरुष कुक हैं. 
 
यह गांव पॉन्डिचेरी से करीब 30 किलोमीटर दूर है. और इस गावं में लगभग 80 घर हैं. पुरुष का कुक होना अब परम्परा बन चुकी है जो 500 साल पुरानी है. यह सिलसिला तीन पीढ़ियों से चला आ रहा है. यहां कम से कम 200 कुक्स हैं.
 
इतना ही नहीं इनके कुक बनने के लिए 10 साल की लंबी ट्रेनिंग भी होती है. लेकिन सभी रेसिपी के बारे में चीफ शेफ ही बताते हैं. इसके अलावा ये शादियों औक पार्टी में खाने के भी ऑर्डर लेते हैं. यह कुक  एक बार में 1000 लोगों को एक साथ खाना खिला सकते हैं. 
 
इसके अलावा इन मेल कुक की खास बात यह है कि ये कमाई पर नहीं अपनी लक्ष्य पर ज्यादा ध्यान देते हैं. न हीं ये लोग किसी एक डिश के विशेषज्ञ होते हैं. ये सभी मिलजुल कर एक साथ खाना बनाने में ध्यान देते हैं.
 

Tags

Advertisement